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Thursday, June 9, 2011

बादडइयो गगरिया भरदे (Baadariyo Gagariya Bhar de ) by Dr Kumar Vishwas


बादडइयो गगरिया भरदे, बादडइयो गगरिया भरदे,
बादडइयो गगरिया भरदे, बादडइयो गगरिया भरदे
अम्बर से अमृत बरसे ,तू बैठ महल मैं तरसे,
 अम्बर से अमृत बरसे ,तू बैठ महल मैं तरसे,
प्यासा ही मर जायगा, बाहर तो आजा घर से,
इस बार समुन्दर अपना बूदो के हवाले कर दे,
प्यासे तन मन जीवन  को इस बार तू तर कर दे,
बादडइयो गगरिया भरदे, बादडइयो गगरिया भरदे,

हम नहीं बदले (Hum Nahi Badle)by Dr Kumar Vishwas



बदलने  को तो इन आखो मैं मंजर कम नहीं बदले,
तुम्हारे प्यार के मौसम हमारे गम नहीं बदले,
तुम अगले जन्म मैं हमसे मिलोगी  तब तो मानोगी,
ज़माने और सदी की इस  बदल मैं हम नहीं बदले,
कोई खामोश है इतना बहाने भूल आया हु,
किसी की इक तर्रनुम मैं तराने भूल आया हु,
मेरी अब राह  मत ताकना कभी ए आसमा वालो,
मैं एक चिड़िया की आँखों मैं उड़ने भूल आया हू!


शहोरत ना अत करना मोला (shohrat na ata karna maula) by Dr Kumar Vishwas


 

शहोरत   ना अत करना मोला , दोलत ना अत करना मोला,
 बस इतना अत करना चाहे , जन्नत ना अत करना मोला,
शम्मा ए वतन की लो पे जब, शम्मा ए वतन की लो पे जब,
कुर्बान पतंगा हो ,
होटो पे गंगा हो , हाथो मैं तिरंगा हो,
होटो पे गंगा हो , हाथो मैं तिरंगा हो,
********
बस एक सदा ही सुने सदा बर्फीली मस्त हवाओ मैं,
बस एक दुआ ही उठे सदा जलते तपते सहराव मैं,
जीते जी इसका मान रखे,  मरके मर्यादा याद रहे,
हम रहे कभी ना रहे मगर, इसकी सजधर आबाद रहे,
गोधरा न हो गुजरात न हो , इंसान न नंगा हो ,
के, 
होटो पे गंगा हो हाथो मैं तिरंगा हो,
होटो पे गंगा हो हाथो मैं तिरंगा हो.



 


जिसकी धुन पे दुनिया नाचे, दिल ऐसा एक तारा है (jiski dhun per duniya naache) by Dr Kumar Vishwas



 जिसकी धुन पे दुनिया नाचे, दिल ऐसा एक तारा है,
जो तुमको भी प्यारा है, और जो हमको भी प्यारा है,
झूम रही सारी दुनिया जबकि हमारे गीतों पर
तब कहती हो प्यार हुआ है, क्या अहसान तुम्हारा है.



जो धरती से अम्बर जोड़े उसका नाम मोह्हबत है (jo amber se dharti jode) by Dr Kumar Vishwas

 

जो धरती से अम्बर जोड़े उसका नाम मोह्हबत  है,
जो सीसे से पत्थर तोड़े उसका नाम मोह्हबत  है,
कतरा कतरा सागर तक तो जाती है हर उम्र मगर,
बहता दरिया वापस मोड़े उसका नाम मोह्हबत  है,


मैं जब भी तेज चलता हु (main jab bhi tej chalta hoon ) by Dr Kumar Vishwas


मैं जब भी तेज चलता हु, नज़ारे छूट जाते है,
कोई जब रूप घडता हु तो साचे टूट जाते हैं,
मैं रोता हूँ तो आकर लोग कन्धा थपथपाते है,
मैं हँसता  हु तो मुझसे लोग अकसर  रूठ जाते है!

एक पगली लड़की (Pagali Larki ) by Dr.Kumar Vishwas

अमावास की कलि रातो मैं दिल क दरवाजा खुलता है,
जब दर्द की प्याली रातो मे दर्द आसूऔ  के संग घुलता है ,
जब पिछवाड़े के कमरे मैं हम निपट अकेले होते है,
जब घड़िया टिक टिक करती है सब सोते है हम रोते है,
जब बार बार धोराने से सारी यादे चुब जाती है 
जब ऊच नीच समझने मे माथे की नस दुःख जाती है 
तब एक पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है 
और उस पगली लड़ी के बिन मरना भी भारी लगता है 
********* 
जब कमर सन्नाटे  की आवाज सुनाई देती है 
जब दर्पण मैं  आँखों के नीचे झाई दखाई देती है
जब बडकी भाबी कहती है, कुछ सहेत का भी धियान करो,
क्या लिखते हो दिनभर कुछ सपनो का सम्मान करो,
जब बाबा वाली बैठक मैं कुछ रिश्ते वाले आते है,
जब बाबा हमे बुलाते है हम जाते है सरमाते है,
जब साड़ी पहने एक लड़की का फोटो लाया जाता है,
जब भाभी हमे मानती है, फोटो दिखलाया जाता है,
जब सारे घर का समझाना हमको फनकारी लगता है,
तब एक पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है 
और उस पगली लड़ी के बिन मरना भी भारी लगता है
*********
दीदी कहती है उस पगली लड़की की कुछ औखात नहीं,
उसके दिल मैं भैया तेरे जैसा प्या नहीं,
वो पगली लड़की नो दिन मेरे लिए भूखी रहती है,
चुप चुप सारे व्रत करती है, पर मुझसे न कहती है,
जब पगली लड़की कहती है मैं प्यार तुम्ही से करती हूँ ,
लेकिन मैं हूँ मजबूर बहुत अम्मा बाबा से डरती हूँ,
उस पगली लड़की पे कुछ अपना अधिकार नहीं बाबा ,
यह कथा कहानी किस्से है, कुछ भी तो सार नहीं बाबा,
तब एक पगली लड़की के बिन जीना फनकारी  लगता है 
और उस पगली लड़ी के बिन मरना भी भारी लगता है


कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है (Koi Deewana Kehta hai) by Dr Kumar Vishwas


कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है,
मैं तुझसे दूर कैसा हुँ तू मुझसे दूर कैसी है
ये मेरा दिल समझता है या तेरा दिल समझता है !!!
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समुँदर पीर का अंदर है लेकिन रो नहीं सकता
ये आसुँ प्यार का मोती है इसको खो नहीं सकता ,
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना मगर सुन ले
जो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो नहीं सकता !!!
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मुहब्बत एक एहसानों की पावन सी कहानी है
कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है,
यहाँ सब लोग कहते है मेरी आँखों में आसूँ हैं
जो तू समझे तो मोती है जो न समझे तो पानी है !!!
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भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हँगामा
हमारे दिल में कोई ख्वाब पला बैठा तो हँगामा,
अभी तक डूब कर सुनते थे हम किस्सा मुहब्बत का
मैं किस्से को हक़ीक़त में बदल बैठा तो हँगामा !!!