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Tuesday, May 31, 2011

अपनी जुबा से कड़वा कोई तीर छोड़ना मत (apni juba se) by dr. vishnu saxena


अपनी जुबा से कड़वा कोई तीर छोड़ना मत ,
फूलो के रास्तो को काँटों पे मोड़ना मत ,
छोटी सी उम्र मैं ही मेरा तजुर्बा बड़ा है ,
छोटी सी उम्र मैं ही संतो से सुना है,
जग रूठ जाये  लेकिन,
जग रूठ जाये लेकिन किसी दिल को तोडना मत!!!!

ये तो पत्थर मे भी मूरत उभार देते है (yeh to patthar mein bhi murat ubhar dete hai.) by dr. vishnu saxena


ये  तो पत्थर मे भी मूरत उभार देते है,
ये तो पत्थर मे भी मूरत उभार देते है,
उसमे भरते है रंग और निखार देते है,
इतने भोले है ये लड़के ये------- जानते ही नहीं,
एक मुस्कान पे जीवन गुजर देते है!
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एक मुस्कान पे जीवन गुजार देते है,
बेसुरे साज  पे भी  गीत गाने लगते है,
जरा सी ठेस पे आंसू बहाने लगते है,
इतने नादान है-लड़के इन्हें न तंग करो,
तेज बारिस मैं पतंगे उअने लगता है !
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हमे कुछ पता नहीं है - हम क्यों बहक रहे है,
हमे कुछ पता नहीं है - हम क्यों बहक रहे है,
राते सुलग रही है  दिन भी दहक रहे है,
जब से है तुमको देखा हम इतना जानते है,
तुम भी महक रहे हो हम भी महक रहे है!
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बरसात भी नहीं पर बदल गरज रहे है,
उलझी हुई है जुल्फे और हम उलझ रहे है,
मदमस्त एक भौरा क्या चाहता कली से,
तुम भी समझ रहे हो हम बनी समझ रहे है!
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अब भी हसीन सपने आँखों मैं पल रहे है,
पलके है बंद फिर भी आंसू  निकल रहे है,
नींदे कहाँ से आये  बिस्तर पे कर्वेटे ही, 
वहां तुम बदल रहे हो यहाँ हम बदल रहे है!
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डाली से रूठ कर के जिस दिन कली गयी थी,
बस उस ही दिन से अपनी किस्मत चली गयी थी,
अंतिम मिलन समझ कर उसे देखने गया तो,
था प्लेटफोर्म खली गाड़ी चली गयी थी!

तेरी जुल्फ मैं कसम से (teri julf main kasam se ) by dr. vishnu saxena


तेरी जुल्फ मैं कसम से बदल छिपे हुए है,
मुझ जैसे जाने कितने पागल छिपे हुए है,
क्यों जुल्म ढा रही हो यह छेड़ केर तराना ,
इस भीड़ मैं बहुत से घायल छुपे हुए है,
ओं जवान धडकनों तुम मेरा सलाम लेना,
सीखा नहीं है मैंने हाथो मैं जाम लेना,
फिर भी बहुत है भटकन इस प्यार की डगर मैं,
कहीं मैं फिसल न जाऊ मेरा हाथ थाम लेना!

जब बसने का मन मैं न हो होसला (jab basane ka man main na ho housla ) by dr. vishnu saxena


जब बसने का मन मैं न हो होंसला,
बे वजह घोसला मत बनाया करो,
और उठा न सको तुम गिरे फूल तो,
इस तरह डालिय मत हिलाया करो!
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वो समंदर नहीं था थे आंसू मेरे,
जिनमे तुम तेरते और नहाते रहे ,
एक हम थे की आखो की इस झील मैं,
बस किनारे पे डुबकी लगाते रहे !
मछलिय सब झुलस जाऐगी झील की,
अपना पूरा बदन मत डुबाया करो!
********
वो हमे क्या संभालेंगे इस भीड़ मैं,
जिनपे अपना दुप्पटा संभालता नहीं,
कैसे मन को मैं कह दू की सु कोमल है ये,
फूल को देख केर के मचलता नहीं!
जिनके दीवारों दर है बने मोम के,
उनके घर मैं न दीपक जलाया करो !
********
इन पतंगो को देखो यह उडती यहाँ,
जब कटंगी तो जाने गिरेगी कहाँ,
बहती नदियों को खुद भी पता ही नहीं,
अपने प्रियतम से जाने मिलेंगी कहाँ,
जिनके होटों  पे तुम न हँसी रख सको,
उनकी आँखों मैं न आसू  ना लाया करो!
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प्रेम को ढाई अक्षर का कैसे कहें,
प्रेम सागर से गहरा है नभ से बड़ा,
प्रेम होता है दीखता नहीं मगर,
प्रेम की ही धुरी पर यह जग है खड़ा,
और प्रेम के इस नगर मं जो अनजान हो,
उसको रस्ते गलत मत बताया करो!

jinki wajah se aaj deewali aur eid hai by dr. vishnu saxena


jinki wajah se aaj deewali aur eid hai

Ret Pur Naam Likhne Se by dr. vishnu saxena


Ret Pur Naam Likhne Se

DIL KI ZAMI PAR by dr. vishnu saxena


DIL KI ZAMI PAR

kudrat ne banaya tumhe by dr. vishnu saxena


kudrat ne banaya tumhe

THAL POOJA KA by dr. vishnu saxena


THAL POOJA KA

EK DIN PHOOL SE by dr. vishnu saxena

EK DIN PHOOL SE 

TUM HAWA BAN SAKO by dr. vishnu saxena


TUM HAWA BAN SAKO

dhudiya haat main chandni raat main by Dr. vishnu saxena


dhudiya haat main chandni raat main

Har Ek Khone Har Paane Main Teri Yaad Aati Hai by Dr Kumar Vishwas


Har Ek Khone Har Paane Main Teri Yaad Aati Hai

Khamosh Lab Hai Jhuki Jo Palke by shabeena adeeb


Khamosh Lab Hai Jhuki Jo Palk

Maine Gujrat Ka Manzar Dekha Hai by shabeena adeeb


Maine Gujrat Ka Manzar Dekha Hai 

Ye Kaisi Tasveer Bana Di Tumne Hindustan Ki by shabeena adeeb


Ye Kaisi Tasveer Bana Di Tumne Hindustan Ki

ये कैसी तस्वीर बना दी तुनने हिंदुस्तान की,
आग, धुआ , नफरत, फैली, और
जीत हुई सैतान की,
ये कैसी तस्वीर बना दी तुनने हिंदुस्तान की,

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आमची मुंबई  कहने वालो  राग ये कबतक गाओगे
 
 क्या सेहरे मुंबई को अपनी चिता मैं लेकर जाओगे.
हिन्दुस्तान का कोना कोना हर हिंदी का सपना है

कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तलक सब अपना है
यह धरती जागीर है धरती के हर इंसान की
ये कैसी तस्वीर बना दी तुनने हिंदुस्तान की,

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तुम तो बंद गली के अंदर बठकर शोर मचाते हो
बड़े बहादुर बनते हो और कमजोरो को सताते हो


हीम्मत है तो खुली फिजा मैं जहर मैं डूबे लब खोलो,
यु पीके सडको पैर निकलो और ब्हाहर आकर बोलो

बुज्दील बनकर काट रहे हो गर्दन हर इंसान की
ये कैसी तस्वीर बना दी तुनने हिंदुस्तान की,

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अमनीत दुसमन सुनो तुम्हारे नाम खुला सन्देश है ये
पंजाबी , गुजरती, मराठी, सब लोगो का देश है ये

तुमने तो बस मजलूमों का बेजा खून बहाया है
इस गुलसन पैर उसका हक़ है जीसने उसे बनाया है

ये धरती है भगत सींह की और टीपू सुलतान की,

ये कैसी तस्वीर बना दी तुनने हिंदुस्तान की,

वैसे तो हम फूल है लेकिन काटा भी बन सकते है
मोम के जैसे dil  है अपना  सोला भी बन सकते है,




Tum Apne Seene Main Gham Na Bharna by shabeena adeeb


Tum Apne Seene Main Gham Na Bharn

Meri Ummeed Mera Pyar Meri Aas Raho by sabeena adeeb

Meri Ummeed Mera Pyar Meri Aas Raho