ये तो पत्थर मे भी मूरत उभार देते है,
ये तो पत्थर मे भी मूरत उभार देते है,
उसमे भरते है रंग और निखार देते है,
इतने भोले है ये लड़के ये------- जानते ही नहीं,
एक मुस्कान पे जीवन गुजर देते है!
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एक मुस्कान पे जीवन गुजार देते है,
बेसुरे साज पे भी गीत गाने लगते है,
जरा सी ठेस पे आंसू बहाने लगते है,
इतने नादान है-लड़के इन्हें न तंग करो,
तेज बारिस मैं पतंगे उअने लगता है !
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हमे कुछ पता नहीं है - हम क्यों बहक रहे है,
हमे कुछ पता नहीं है - हम क्यों बहक रहे है,
राते सुलग रही है दिन भी दहक रहे है,
जब से है तुमको देखा हम इतना जानते है,
तुम भी महक रहे हो हम भी महक रहे है!
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बरसात भी नहीं पर बदल गरज रहे है,
उलझी हुई है जुल्फे और हम उलझ रहे है,
मदमस्त एक भौरा क्या चाहता कली से,
तुम भी समझ रहे हो हम बनी समझ रहे है!
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अब भी हसीन सपने आँखों मैं पल रहे है,
पलके है बंद फिर भी आंसू निकल रहे है,
नींदे कहाँ से आये बिस्तर पे कर्वेटे ही,
वहां तुम बदल रहे हो यहाँ हम बदल रहे है!
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डाली से रूठ कर के जिस दिन कली गयी थी,
बस उस ही दिन से अपनी किस्मत चली गयी थी,
अंतिम मिलन समझ कर उसे देखने गया तो,
था प्लेटफोर्म खली गाड़ी चली गयी थी!
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