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Saturday, June 11, 2011

हमारी नीद भी उड़ चुकी है, (Hamari Needen Bhi Ud Chuki Hain) by Shabeena Adeeb..


हमारी नीद भी उड़ चुकी है,
सनम भी करवट बदल रहे है,
 उधर भी जागा है प्यार दिल मैं,
इधर भी अरमा मचल रहे है,
मिला है जिस दिन से प्यार उनका,
हर एक साए है निसार मुझपर,
गुलाब कदमो में बिछ रहे है,
चिराग राहों में जल रहे है,
तुम्हारी आँखों में प्यार देखू,
तुम आओ तो में बहार देखू,
हमारी सांसे ठहर गई तो,
तुम्हारे दिल को मलाल क्यों है,
यही रहे है - यही रहेंगे,
बस आज घर हम बदल रहे है,
शराब ऐसी भी है जहाँ में,
जो होश में आदमी को लाये,
वो देखो जाम-ए तो पीकर,
बहकने वाले संभल  रहे है,

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