शहोरत ना अत करना मोला , दोलत ना अत करना मोला,
बस इतना अत करना चाहे , जन्नत ना अत करना मोला,
शम्मा ए वतन की लो पे जब, शम्मा ए वतन की लो पे जब,
कुर्बान पतंगा हो ,
होटो पे गंगा हो , हाथो मैं तिरंगा हो,
होटो पे गंगा हो , हाथो मैं तिरंगा हो,
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बस एक सदा ही सुने सदा बर्फीली मस्त हवाओ मैं,
बस एक दुआ ही उठे सदा जलते तपते सहराव मैं,
जीते जी इसका मान रखे, मरके मर्यादा याद रहे,
हम रहे कभी ना रहे मगर, इसकी सजधर आबाद रहे,
गोधरा न हो गुजरात न हो , इंसान न नंगा हो ,
के,
होटो पे गंगा हो हाथो मैं तिरंगा हो,
होटो पे गंगा हो हाथो मैं तिरंगा हो.
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