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Thursday, June 9, 2011

हम नहीं बदले (Hum Nahi Badle)by Dr Kumar Vishwas



बदलने  को तो इन आखो मैं मंजर कम नहीं बदले,
तुम्हारे प्यार के मौसम हमारे गम नहीं बदले,
तुम अगले जन्म मैं हमसे मिलोगी  तब तो मानोगी,
ज़माने और सदी की इस  बदल मैं हम नहीं बदले,
कोई खामोश है इतना बहाने भूल आया हु,
किसी की इक तर्रनुम मैं तराने भूल आया हु,
मेरी अब राह  मत ताकना कभी ए आसमा वालो,
मैं एक चिड़िया की आँखों मैं उड़ने भूल आया हू!


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